मंगल....बिहार डायरी भाग 1



2010-2011 का दरम्यानी दौर था जब कंपनी ने मेरा ट्रांसफर बिहार के सुदूर कोने सासाराम और कैमूर डिस्ट्रिक्ट में कर दिया था

दोनों ही डिस्ट्रिक्ट में उस समय नक्सलवाद और अपराध चरम पर था

विद्युत विभाग की तो ये हालत थी कि हफ्तों तक विद्युत सप्लाई ही नहीं होती थी और उसके ऑप्शन स्वरूप लोकल जनरेटर वाले का धंधा चरम पर था...आपको याद होगा जैसे कुछ समय पूर्व आपके मोहल्ले में लोकल डिश वाला आकर आपको महीने की निश्चित राशि अनुसार कनेक्शन देता था और अगर दो टीवी है तो उस अनुसार किराया तय होता था....वहां भी प्रति पॉइंट 500₹ किराया तय था...और आश्चर्यजनक तरीके से विद्युत विभाग द्वारा घर घर फैलाए तारों के जाल से ही वो अपनी जनरेटर विद्युत सप्लाई करते थे....बिहार के कोई पुराने जानकार आज भी ये बता देंगे

बिहार...नाम सुन ही वहां ट्रांसफर के लिए मना कर दिया जाता था...खैर अप्रैल 2010 की बात है मै देहरी ऑन सोन स्टेशन में देर रात्रि उतरा....उम्मीद के विपरीत स्टेशन और बाहर का बाजार देर रात भी गुलजार था...रिक्शे वाले ने उस समय मौजूद सबसे अच्छे होटल ...होटल सोन भद्र...या ऐसा ही कुछ नाम था जो शहर के बीच से गुजरती ग्रैंड ट्रैंक रोड और सोन नदी के किनारे स्थित था

उस समय के हिसाब से वो बेहतरीन होटल था

सासाराम और डेहरी ऑन सोन में मैने डेहरी ऑन सोन को परिवार सहित रहने का उचित स्थान माना और एक अच्छा मकान मैने फाइनल कर दिया...दो कमरे का

आप आश्चर्य कर सकते है उस समय भी मैं 8000₹ किराया देता था...ये आलम था वहां के किराए का

उस समय मेरे दो छोटे बच्चे जिसमें बड़ा बेटा 5 साल और बेटी मात्र 3 साल की थी

"अम्मा पापा" परिवार को भेजने के पक्ष में बिल्कुल नहीं थे....पर मजबूरी भी थी इतनी दूर बेटा कैसे अकेला रहेगा

तय समय पर मेरा समान घर आ गया और जम भी गया अब बारी थी परिवार को लाने की

रायपुर से डेहरी ऑन सोन के लिए कोई डायरेक्ट ट्रेन न उस समय थी न आज है.... न ही लक्जरी बस सेवा उपलब्ध थी उस समय...सड़को की हालात देख

मेरे पास 2008 मॉडल मारुति वैगनआर थी और दूरी सड़क मार्ग से लगभग 700KM दिखा रही थी..बनारस होते हुए

लंबी दूरी और रास्तों का अनुभव नहीं होने के कारण तय हुआ किसी लोकल ड्राइवर की खोज का...जिसे मेरे मकान मालिक ने पूरा किया

"मंगल".....का प्रवेश हुआ था मेरे जीवन में....एक न भूलने वाला शख्स...बेहतरीन इंसान पर रहस्यमई शख्स 

अनुभव लंबा हो रहा है...अगले अंक में रायपुर से बिहार परिवार को लाना, मंगल का मिलना...सफर का रोमांच...का अनुभव शेयर करूंगा

तब तक
"राम राम"

🙏🙏🙏🙏

क्रमश:-

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