गाजा एक बरबाद होता शहर
"गाजा.....एक बरबाद शहर"
"आतंकी संगठन और आतंक का समर्थन...कैसे एक पूरे शहर पूरे देश को बर्बाद कर देता है...उसे गाजा के इतिहास से सबक लेना चाहिए"
जब हमास ने निर्दोष यहूदी नागरिकों का कत्लेआम किया था..तब फलस्तीनियों और विश्व में बसे कट्टरपंथी इस्लामिक सोच ने इसका जश्न मनाया था...खामियाजा तो भुगतना ही था
इजराइल ने स्पष्ट कर दिया है कि वो गाजा पर पूर्ण कब्जा लेने जा रहा है
और अब गाजा की फलस्तीनी आबादी को लीबिया में शिफ्ट करने हेतु लीबिया की फ्रीज की गई अरबों खरबो की संपति को फ्री करने का प्रस्ताव अमेरिका द्वारा लीबिया को दिया गया है
इससे पहले मिस्र और जॉर्डन ने फलस्तीनियों को अपने यहां बसाने के अमेरिकी प्रस्ताव से साफ इंकार कर दिया था
इजराइल और अमेरिका ने गाजा से फलस्तीनियों को हटाने का प्लान और इरादा तैयार कर लिया है..और लगता है इजराइल.. फलस्तीनियों की प्रतिरोधक क्षमता खत्म करने हेतु ही उनका धीरे धीरे सामूहिक नरसंहार कर रहा है
अगर लीबिया अमेरिकी प्रस्ताव को मान लेता है तो बलपूर्वक फलस्तीनियों को वहां भेजा जाएगा....रोज आतंक के साए में जान गंवाते और भूखे बच्चो को अपने सामने मरते देखते अधिकतर फलस्तीनी प्रतिरोध करने की क्षमता खो चुके है
"हमास ने ईरान पर भरोसा कर जो युद्ध छेड़ा था उससे अब ईरान अलग हो चुका है और हमास खात्मे की ओर है...नतीजा सिर्फ फलस्तीनी भुगत रहे है"
इसीलिए सिर्फ मजहबी कट्टरता के चलते हमास जैसे किसी भी आतंकी संगठन और उसकी वारदात के समर्थन से पहले गाजा को याद रखने की जरूरत है....क्योंकि जब युद्ध आपके दरवाजे में आता है तो भूल का अहसास होता है पर तब तक देर हो चुकी होती है
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