खंडहर होती विरासत
खंडहर होते "मकान" और खंडहर होते "इंसान" ही बचे है उत्तराखंड के सुदूर गांवों में
जवानियां तो चली गई शहर...पढ़ने या बसने
लोग घूमने आते है उत्तराखंड के गांव....ये भी कभी कभार घूम आते है...अपनी संपति देखने
रह जाते है सिर्फ वो जो इन्हे अपनी संपति नहीं...धरोहर मानते है...विरासत मानते है...पुरखो की
"बिखर जाना चाहते है वो इसी मिट्टी में...जहां उनके पुरखो की खुशबुएं फैली है"
😢😢😢
Comments
Post a Comment