संभावनाएं और चुनौतियां
"तेजी से पायदान चढ़ती अर्थव्यवस्था और चुनौतियां"
भारत के अर्थव्यवस्था आज एक पायदान ऊपर चौथे नंबर पर आ चुकी है.....भले ही हम बहस कर ले महगांई,गरीबी,बेरोजगारी आदि पर...पर सच ये है प्रति व्यक्ति आय में इजाफा हुआ है
भारतीयों द्वारा क्रय शक्ति इसका उदाहरण है
भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग देश की कुल जीडीपी में 6% का योगदान देता है। वहीं, यह देश में 3 करोड़ लोगों को रोजगार दे रहा है
भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 में 57.5 टन सोना खरीदा, जो वैश्विक अस्थिरता के बीच सुरक्षित निवेश के रूप में सोने के बढ़ते महत्व को दर्शाता है। इस खरीद के साथ आरबीआई का कुल सोना भंडार 879.6 टन तक पहुंच गया है, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का हिस्सा बढ़कर 11.8% हो गया है जो अब तक का रिकॉर्ड है
भारत का रक्षा निर्यात 2013-14 में ₹686 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में ₹21,083 करोड़ और 2024-25 में ₹23,622 करोड़ हो गया है। इस साल देश का लक्ष्य बाकी दुनिया को ₹35,000 करोड़ के रक्षा उपकरण निर्यात करना है।
पोस्ट लंबी हो जाएगी उदाहरणों से...पर पोस्ट का लब्बो लुबाब ये है...भारत की ये आर्थिक प्रगति और आत्मनिर्भरता बहुत से देशों की आंखो की किरकिरी बना हुआ है.."ऑपरेशन सिंदूर" के बाद तो भारत की सैन्य रणनीतिक शक्ति का भी दुनियां ने लोहा माना है...सबसे ज़्यादा चिंतित हमारा हर मोर्चे में प्रतिद्वंदी पड़ोसी चीन है और अब उसकी हरसंभव कोशिशें भारत को प्रत्यक्ष युद्ध और आंतरिक अप्रत्यक्ष युद्ध में उलझा प्रगति रथ को रोकने की होगी
और इसके लिए अनुकूल मिट्टी ...देश में जिहादी कट्टर सोच तो है ही जो इसको हवा देकर चिंगारी से आग बनने में समय नही लगाएंगे
हमे सावधान रहना होगा...और फैसला सिर्फ आपके हाथ के अंगूठे में है.....आपके "वोट"....द्वारा
जो भी चुने सोच कर समझ कर👍
जय हिन्द
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