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Showing posts from May, 2025

चीन के साथ भारत की जलसन्धि न होने से पड़ने वाले प्रभाव

"सिंधु" तिब्बत से निकलती है....अगर चीन ने इसका प्रवाह रोक दिया तो?? भारतीय जानकार कह रहे है ऐसा नहीं होगा इससे भौगोलिक संरचना पर प्रभाव पड़ेगा और विश्व छवि पर असर पड़ेगा और चीन ने सिंधु पर तिब्बत पर कोई बांध भी नही बनाया है हास्यास्पद कारण है.... जो चीन को जानते है वो जानते है कितनी चिंता करता है चीन भौगोलिक और वैश्विक दबाव की....विश्व ने कोरोना पर चीन को दोषी ठहरा कर क्या उखाड़ लिया....चीन ने जांच तक नहीं करने दी विश्व स्वास्थ्य एजेंसियों को अब आते है कि चीन ने तिब्बत पर अभी तक बांध नही बनाया है.... हे ज्ञानियों....चीन के पास इतना विकसित तंत्र है कि वो रिकॉर्ड समय में अत्यधिक क्षमता का बांध बना सकता है अब आते है चीन की मंशा पर....कृपया सतलुज पर चीनी परियोजना पर ध्यान दे विगत कई वर्षो से चीन ने बांध बना सतलुज का प्रवाह धीरे धीरे कम कर दिया है पर मोदी सरकार और मीडिया इस पर खामोश है सतलुज नदी पर चीन का सबसे बड़ा बांध जदा गॉर्ज में स्थित है। यह एक बैराज है और चीन द्वारा सतलुज नदी पर शुरू की गई अन्य जलविद्युत परियोजनाओं में से एक है, चीन ने यह बांध पानी के प्रवाह को नियंत्रित करन...

आभासी दुनियां का सच

कितना विरोधाभास है इस आभासी दुनियां और प्रत्यक्ष में "आज एक रील देखी जिसमे एक मजदूर के 1.5 लाख फॉलोअर है और उसकी उस रील में लाइक्स कर रहे है जहां वो "बोरी बासी" खाने की वीडियो सांझा कर रहा था......यानी बासे चावल को पानी में नमक आदि मिला कर खाने की बरसो पुरानी परंपरा बेहद पढ़े लिखे उसके फॉलोअर्स है और कमेंट्स द्वारा इस भोजन पर जबरदस्त वैज्ञानिक ज्ञान दे रहे है "फर्मेंटेड राइस वॉटर"...लिख अपना अतिशय ज्ञान बधार रहे है ये तो हुई आभासी दुनियां....अब अगर वो अपने आभासी दुनियां के मित्रो की इस तारीफ से अभिभूत हो ऐसे सो कॉल्ड कॉरपोरेट ज्ञानियों के ऑफिस में उसी वेशभूषा मै "बोरी बासी" खिलाने पहुंच जाए तो....क्या होगा "आभासी दुनियां का भ्रम टूट जाएगा....उस गरीब का"

संभावनाएं और चुनौतियां

"तेजी से पायदान चढ़ती अर्थव्यवस्था और चुनौतियां" भारत के अर्थव्यवस्था आज एक पायदान ऊपर चौथे नंबर पर आ चुकी है.....भले ही हम बहस कर ले महगांई,गरीबी,बेरोजगारी आदि पर...पर सच ये है प्रति व्यक्ति आय में इजाफा हुआ है भारतीयों द्वारा क्रय शक्ति इसका उदाहरण है भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग देश की कुल जीडीपी में 6% का योगदान देता है। वहीं, यह देश में 3 करोड़ लोगों को रोजगार दे रहा है भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 में 57.5 टन सोना खरीदा, जो वैश्विक अस्थिरता के बीच सुरक्षित निवेश के रूप में सोने के बढ़ते महत्व को दर्शाता है। इस खरीद के साथ आरबीआई का कुल सोना भंडार 879.6 टन तक पहुंच गया है, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का हिस्सा बढ़कर 11.8% हो गया है जो अब तक का रिकॉर्ड है भारत का रक्षा निर्यात 2013-14 में ₹686 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में ₹21,083 करोड़ और 2024-25 में ₹23,622 करोड़ हो गया है। इस साल देश का लक्ष्य बाकी दुनिया को ₹35,000 करोड़ के रक्षा उपकरण निर्यात करना है। पोस्ट लंबी हो जाएगी उदाहरणों से...पर पोस्ट का लब्बो लुबाब ये है...भारत की ये आर्थिक प्रगति और आत्मनिर्भरत...

बस ऐसे ही....♥️से

हार और जीत के पार बनाया है मैंने  यूँ अपना किरदार बनाया है मैंने सच्चाई से एक झूठे का साथ दिया , साए को दीवार बनाया है मैंने  मुझ से होकर सारे मौसम गुज़र गए, ख़ुद को जालीदार बनाया है मैंने  तेरे छूने से भी नहीं भरेंगे अब ,  ज़ख्मों को खुद्दार बनाया है मैंने

96... मूवी जो दिल के बेहद करीब है..आज भी

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"जिस्मों पर हक मिल जाते है बेशक रीति रिवाजों से "रूह"जिसकी दीवानी है उसे ही तो इश्क कहते है" -------------------------------------------------------------- "96" ये मूवी आज फिर से देखी....अब तो शायद याद भी नहीं...कितनी बार आज की इंस्टेंट 2 मिनट्स मैगी वाली पीढ़ियों के तो ऊपर से गुजर जाएगी ये लव स्टोरी…... प्रेम की तीव्रता....ठहराव....समर्पण...पवित्रता सब कुछ तो है.... होती है,ऐसी भी अपवाद सी मोहब्बत आज के दौर में भी जिसके फ़साने नहीं लिखे जाते, न बोले जाते.... न ही सुने जाते.. वो तो सिर्फ..... जिए जाते है....."96" उनकी ही कहानी है 🥲

मालगुड़ी डेज

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"मालगुडी डेज.....कोई वेब सीरीज आज तक इसकी सफलता की रेटिंग के आसपास तक नहीं पहुंच पाई" स्वामी....मेरे बचपन का हीरो....मेरा आइडियल....आज भी मुझे मेरे बचपन में ले जाता है स्वामी मैंने तो "स्वामी" समान धोती कुर्ता और टोपी तक जिद करके पापा से मंगवाया था.... मै ही नहीं...उस समय के तकरीबन सभी बच्चो का दुलारा था "स्वामी" 39 साल पुराना शो, जिसके आगे फेल हैं 'पंचायत' और 'गुल्लक' जैसी सीरीज, IMDb पर मिली है 9.4 रेटिंग ओटीटी पर 'पंचायत' से लेकर 'गुल्लक' जैसी कुछ शानदार सीरीज हैं, जिन्होंने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया और साथ ही साथ समाज की तस्वीर दर्शकों के सामने पेश की। मगर आज हम आपको भारत की एक ऐसे शो के बारे में बताएंगे जो करीब 39 पुराना है और इसकी कहानी बेहद दिलचस्प है। 80 के दशक का बेहद पॉपुलर शो हम जिस टीवी शो के बारे में बात कर रहे हैं, उसने 80 के दशक में टीवी स्क्रीन्स पर दस्तक दी थी और उस दौर का सबसे ज्यादा देखे जाने वाले शोज में से एक था। इस शो की आईएमडीबी रेटिंग की बात की जाए तो इसे 'पंचायत', 'मिर्जापुर' और ...

मंगल....बिहार डायरी भाग 1

2010-2011 का दरम्यानी दौर था जब कंपनी ने मेरा ट्रांसफर बिहार के सुदूर कोने सासाराम और कैमूर डिस्ट्रिक्ट में कर दिया था दोनों ही डिस्ट्रिक्ट में उस समय नक्सलवाद और अपराध चरम पर था विद्युत विभाग की तो ये हालत थी कि हफ्तों तक विद्युत सप्लाई ही नहीं होती थी और उसके ऑप्शन स्वरूप लोकल जनरेटर वाले का धंधा चरम पर था...आपको याद होगा जैसे कुछ समय पूर्व आपके मोहल्ले में लोकल डिश वाला आकर आपको महीने की निश्चित राशि अनुसार कनेक्शन देता था और अगर दो टीवी है तो उस अनुसार किराया तय होता था....वहां भी प्रति पॉइंट 500₹ किराया तय था...और आश्चर्यजनक तरीके से विद्युत विभाग द्वारा घर घर फैलाए तारों के जाल से ही वो अपनी जनरेटर विद्युत सप्लाई करते थे....बिहार के कोई पुराने जानकार आज भी ये बता देंगे बिहार...नाम सुन ही वहां ट्रांसफर के लिए मना कर दिया जाता था...खैर अप्रैल 2010 की बात है मै देहरी ऑन सोन स्टेशन में देर रात्रि उतरा....उम्मीद के विपरीत स्टेशन और बाहर का बाजार देर रात भी गुलजार था...रिक्शे वाले ने उस समय मौजूद सबसे अच्छे होटल ...होटल सोन भद्र...या ऐसा ही कुछ नाम था जो शहर के बीच से गुजरती ग्रैंड ट्र...

मंगल...बिहार डायरी भाग 2

मैं कुछ दिन पहले ही रायपुर चला आया था ताकि जरूरी काम निपटा सकूं....बार बार बिहार से रायपुर आना संभव नहीं था "मंगल" से अब तक मेरी कोई भी मुलाकात नहीं हुई थी,वो गांव में रिश्तेदारी में गया था.......मकान मालिक पर भरोसा कर उससे फोन पर बात कर ड्राइवरी के लिए फाइनल कर दिया था...क्योंकि ऑप्शन भी नहीं था,बिहार में नया होने के कारण परिचय का संकट ....तो "मंगल" को ये सोच रख लिया....आगे देखेंगे...सोचेंगे "सर"....मै मंगल कल सुबह रायपुर आ रहा हूं इस ट्रेन से...घर का एड्रेस बता दे मंगल का फोन आते ही मुझे ध्यान आया..."अरे" वापस बिहार जाने का दिन तो नजदीक आ गया है मंगल का ट्रेन में रिजर्वेशन मैने पहले ही करवा दिया था और सफर खर्च के लिए कुछ एडवांस भी मकान मालिक के पास छोड़ दिया था अब तक "मंगल" पटल पर ओझल ही था..सिर्फ फोन पर बाते हो रही थी ठीक है मैं तुम्हे स्टेशन लेने आ जाऊंगा नहीं तो तुम भटक जाओगे सर...आप क्यों तकलीफ करते है...मै आ जाऊंगा,बस एड्रेस?? मैं आ जाऊंगा स्टेशन लेने...मैने बात काटते हुए कहा "अम्मा पापा"....अपनी बहुरानी और पोते पोतियों...

About Me

बेफिक्र है आईना सा किरदार  रखते है।  फिक्र वो करे जो चेहरे दो चार  रखते है।

भारतीय बुलेट

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आपको पता है क्या भारत मैं कभी सूरज नाम की मोटर साइकल आती थी ?? हाँ, भारत में "सूरज" (Suraj) नाम की मोटरसाइकिल कभी मौजूद थी, लेकिन यह कोई बहुत बड़ी या लंबे समय तक चलने वाली कंपनी नहीं थी। यह मुख्यतः एक लोकल ब्रांड था, जो 1980 और 1990 के दशक में कुछ समय के लिए चर्चा में रहा। सूरज मोटरसाइकिल के बारे में कुछ जानकारी: ब्रांड नाम: Suraj Motorcycles यह एक सस्ते दाम और साधारण डिजाइन की मोटरसाइकिल थी, जो भारतीय ग्राहकों को ध्यान में रखकर बनाई गई थी। यह भारत में ही बनाई गई थी, और कुछ मॉडल्स पर विदेशों की तकनीक (जैसे जापानी डिजाइन) से प्रेरणा ली गई थी। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, इसकी प्रेरणा Jawa या Yezdi जैसी बाइकों से ली गई थी। क्या हुआ फिर? तकनीकी उन्नति, प्रतिस्पर्धा और बड़े ब्रांड्स जैसे Hero, Bajaj, TVS, Yamaha के आने से "Suraj" जैसे छोटे ब्रांड मार्केट से गायब हो गए। सूरज मोटरसाइकिल भारत में एक अनोखी और दुर्लभ डीज़ल मोटरसाइकिल थी, जिसे सूरज ऑटोमोबाइल्स द्वारा निर्मित किया गया था। यह कंपनी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में स्थित थी और 1990 के दशक में सक्रिय रही। सूरज मोटरसाइकिल...

गाजा एक बरबाद होता शहर

"गाजा.....एक बरबाद शहर" "आतंकी संगठन और आतंक का समर्थन...कैसे एक पूरे शहर पूरे देश को बर्बाद कर देता है...उसे गाजा के इतिहास से सबक लेना चाहिए" जब हमास ने निर्दोष यहूदी नागरिकों का कत्लेआम किया था..तब फलस्तीनियों और विश्व में बसे कट्टरपंथी इस्लामिक सोच ने इसका जश्न मनाया था...खामियाजा तो भुगतना ही था इजराइल ने स्पष्ट कर दिया है कि वो गाजा पर पूर्ण कब्जा लेने जा रहा है और अब गाजा की फलस्तीनी आबादी को लीबिया में शिफ्ट करने हेतु लीबिया की फ्रीज की गई अरबों खरबो की संपति को फ्री करने का प्रस्ताव अमेरिका द्वारा लीबिया को दिया गया है इससे पहले मिस्र और जॉर्डन ने फलस्तीनियों को अपने यहां बसाने के अमेरिकी प्रस्ताव से साफ इंकार कर दिया था इजराइल और अमेरिका ने गाजा से फलस्तीनियों को हटाने का प्लान और इरादा तैयार कर लिया है..और लगता है इजराइल.. फलस्तीनियों की प्रतिरोधक क्षमता खत्म करने हेतु ही उनका धीरे धीरे सामूहिक नरसंहार कर रहा है अगर लीबिया अमेरिकी प्रस्ताव को मान लेता है तो बलपूर्वक फलस्तीनियों को वहां भेजा जाएगा....रोज आतंक के साए में जान गंवाते और भूखे बच्चो को अपने साम...

खंडहर होती विरासत

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खंडहर होते "मकान" और खंडहर होते "इंसान" ही बचे है उत्तराखंड के सुदूर गांवों में जवानियां तो चली गई शहर...पढ़ने या बसने लोग घूमने आते है उत्तराखंड के गांव....ये भी कभी कभार घूम आते है...अपनी संपति देखने रह जाते है सिर्फ वो जो इन्हे अपनी संपति नहीं...धरोहर मानते है...विरासत मानते है...पुरखो की  "बिखर जाना चाहते है वो इसी मिट्टी में...जहां उनके पुरखो की खुशबुएं फैली है" 😢😢😢